Tally ERP 9 Notes in Hindi, Tally Notes in Hindi Download – CG Market Guru (2024)

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टैली क्या है? Tally History | टैली की इतिहास Important Fact / महत्वपूर्ण तथ्य : Tally Notes PDF in Hindi Tally Full form – Transactions Allowed in a Linear Line Yard What are the different versions of Tally? टैली के विभिन्न संस्करण या वर्शन इस प्रकार है – 1. Tally 3.0 (1990) – 2. Tally 3.12 (1991) 3. Tally 4 (1992) – 4. Tally 4.5 (1994) 5. Tally 5.4 (1996) 6. Tally 6.3 (2001) 7. Tally 7.2 (2005) 8. Tally 8.1 (2006) 9. Tally 9 (2006) 10. Tally ERP 9 (2009) 11. Tally Prime (2020) – टैली प्राइम क्या है टैली सीखने के लाभ टैली का उपयोग कैसे करें? Transactions⇓Ledger Creation⇓Stock Management⇓Voucher Entry⇓Reprot टैली हम कैसे सीख सकते है : Tally Notes PDF in Hindi Downloading and Installation of Tally ERP 9 Notes टैली ERP 9 को कंप्यूटर में इनस्टॉल करने की विधि:- Tally Notes PDF in Hindi Basic Accounting Terms – Tally ERP 9 Notes Tally Notes in Hindi / Basic Accounting Terms – Tally ERP 9 Notes Meaning and Definition of Book – Keeping– Tally Notes in Hindi Meaning and Definition of Accounting – लेखांकन अर्थ एवं परिभाषा Objective of Accounting– लेखांकन के उद्देश्य– Tally Notes in Hindi Definition of Accounting – Tally Notes PDF in Hindi Business : – Trade (व्यापार):- Profession (पेशा या वृत्ति):- Proprietor (स्वामी या मालिक):- Tally Notes in Hindi Capital (पूॅजी)- Drawing (आहरण)– Transaction (सौदा या लेन – देन):– Tally Notes PDF in Hindi Goods (माल)- Tally Notes in Hindi Purchase (क्रय)- Purchase Return (क्रय वापसी)- Sales (विक्रय)- Sales Return (विक्रय वापसी)- Stock (स्टाॅक या स्कंध)- Assets (सम्पत्तियां)– Tally Notes PDF in Hindi Liabilities (दायित्व या देयताए)– Revenue (राजस्व):- Expenses (व्यय):- Tally Basic Notes Hindi Gain (लाभ):- Cost (लागत):- Discount (कटौती, बट्टा या छूट):‘- Tally Basic Notes Hindi Debitor (देनदार या ऋणी):- Creditor (लेनदार या ऋण दाता):- Tally Basic Notes Hindi Receivable (प्राप्य):- देयतायें (Payable) – Entry (प्रविश्टि):- कुल बिक्री (Turn Over) – Insolvent / दिवालिया:- Bad Debts / ऋण:- नामे और जमा (Debit and Credit) :- Commission / कमीशन या वर्तन:- फर्म (Firm) :- Account / Leger / खाता :- Tally Notes PDF in Hindi How to Create Company in Tally ERP 9 Notes Company Creation Tally ERP 9 Notes (कम्पनी बनाना) Fill Basic Data Books and financial year details Base Currency Information Select company in tally कम्पनी सलेक्ट करना Tally ERP 9 Notes Alter company in tally कम्पनी में सशोधन करना – Tally ERP 9 Notes Delete company in tally कम्पनी हटाना – Tally ERP 9 Notes What is Ledger and how to create in tally Tally ERP 9 Notes? Groups in Tally ERP 9 Notes in Hindi : Tally Notes PDF in Hindi Tally में पूर्व में बने हुए group – Mode of Accounting – Tally ERP 9 Notes Single Entry Systems दोहरा लेखा प्रणाली का आशय एंव परिभाषाMeaning and Definition of Double Entry System Basic Accounting Golden Rules of Accounting in Hindi Golden Rules of Accounting क्या है? Types of Accounts in Golden Rules of Accounting in Hindi Personal Account क्या है? Real Account क्या है? Nominal Account क्या है? Golden Rules of Accounting With Examples in Hindi Journal Entry of Shri Ram Computers or Voucher Entry of Financial Transaction Accounting Vouchers in Tally ERP 9 Notes Types of Accounting Vouchers 1- Contra Voucher :- 2. Payment Voucher :- 3. Journal Voucher :- Receipt Voucher :- Sales Voucher :- Purchase Voucher :- Golden Rules of Voucher Entry Stock Management or Inventory Management Stock Group :- Stock Categories :- Stock Item :- Uint of Measure (माप की इकाई बनाना) – Tally ERP 9 Notes Godown (गोदाम / स्थान बनाना)

Tally in hindi : Tally ERP 9 Notes इस पोस्ट के माध्यम से आपको टैली ERP 9, Tally Notes PDF in Hindi की सम्पूर्ण जानकारी एक साथ एक ही पेज में मिलेगा इसमे लिखे गये सभी जानकारी सटीक और प्रैक्टिकल है अगर आप इसे क्रमवार पढेंगे तो निश्चित ही आप टैली में एक्सपर्ट हो सकते है.

इस जानकारी में केवल Tally ERP 9 ही नही टैली के कोई भी वर्शन में वर्क करके पैसे कमा सकें इस लायक बना जा सकता है लेकिन शर्त पर अगर आप नियमित पढाई कर प्रैक्टिकल करेंगे तो आज हम इन टॉप पर चर्चा करेंगे – tally erp9 notes pdf free download, tally erp9 notes for beginners, tally erp 9 notes with gst pdf free download.

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टैली क्या है?

Tally Notes in Hindi : टैली एक एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर हैं, जिसे टैली सलूशन लिमिटेड कंपनी द्वारा डेवेलोप किया गया है, जिसका उपयोग कंप्यूटर से किसी संस्था की वित्तीय लेन – देन को रिकॉर्ड करके रखने के लिए किया जाता है, जिससे व्यवसाय-व्यापर की लाभ-हानि का जानकारी प्राप्त होता है.

Tally definition in Hindi:Tally का अर्थ financial transaction अर्थात् वित्त / रूपये / पैसे का गणना (Calculation) करना है, गणना कर लेनदेनो को रिकॉर्ड करके रखना जिससे हमें एक परिणाम प्राप्त हो और हमारे वित्तीय condition का ज्ञान हो सके.

टैली पूरी तरह से computerized accounting software है जिससे हम आसानी से कम समय में अधिक कार्य कर सकते है, आपको पता होगा की पूर्व में लोग mannual तरीके से अर्थात् पुस्तकों / बुक में कार्य करते थे, जिसमे कार्य करने में बहुत समय लगता था और उसे लम्बे समय तक सुरक्षित रखना बहुत मुश्किल होता था.

तब लोगों को टैली की अवश्यकता महशुस हुआ और इसे पूरा किया बंगलुरु के कम्पनी टैली सलूशन लिमिटेड कंपनी (Tally Solution Pvt.) द्वारा. इनके द्वरा enterprise resource planningsoftware डेवेलोप किया जाता है.

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Tally History | टैली की इतिहास

Tally के जनक श्याम सुन्दर गोयनका, भारत गोयनका
Tally निर्माण वर्ष1986
Company का नामटैली सलूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (Tally Solution Pvt.)
TaglineTally Power of Simplicity
प्रधान कार्यालय (Head Quarter)Bengaluru,Karnataka
,India
Products / Software versionTallyPrime, Tally.ERP 9, Tally.Server 9, Tally.Developer 9 and Shoper 9
Tally fullformTotal Accounting Leading List Year
Transactions Allowed in a Linear Line Yard
Websitewww.tallysolutions.com

Tally Solution कंपनी को पहले Peutronics के नाम से जाना जाता था. जिसे सन1986मेंश्री श्याम सुन्दर गोयनकाऔर उनके पुत्र श्रीभारत गोयनकाने मिलकर Develop किया था. उस वक़्त श्याम सुन्दर गोयनका एक कंपनी का संचालन करते थे, वे दूसरे Plants और टेक्सटाइल मिल्स को कच्चा माल (Raw Material) और मशीन पार्ट्स सप्लाई करते थे. इसलिए इस बिज़नेस को मैनेज करने के लिए उनके पास कोई ऐसा सॉफ्टवेयर नहीं था जिससे वो अपना हिसाब किताब आसानी से कर सके.

इस समस्या को दूर करने के श्री श्याम सुन्दर गोयनका अपने बेटे से कहा की एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाओ जिससे हम अपने बिज़नेस को आसानी से मैनेज कर सके. भारत गोयनका जो की मैथमेटिक्स में ग्रेजुएट थे उन्होंने अकॉऊंटिंग एप्लीकेशन के लिए सबसे पहला संस्करण MS – DOS एप्लीकेशन के रूप में लांच किया. इस में सिर्फ बेसिक अकॉउंटिंग फंक्शन थे. जिसका नाम Peutronics financial Accountant रखा गया.

Important Fact / महत्वपूर्ण तथ्य : Tally Notes PDF in Hindi

Year / वर्षImportant Fact / महत्वपूर्ण तथ्य
1988Peutronics financial Accountant का नाम बदलकर Tally रखा गया.
1999इस कंपनी ने कंपनी का नाम बदलकर Tally Solutions रखा.
2001कंपनी ने इस वर्ष Tally 6.3 को लांच किया गया, इस version में Accounting के अलावा Educational version software भी लांच किया गया.
2005Tally को और भी अच्छा डिज़ाइन के साथ बाजार में उतारा गया जिसमे सबसे मुख्या फीचर था Value Added Taxation (VAT). जो की भारतीय कस्टमर्स के लिए बहुत उपयोगी था. ये Tally 7.2 version था.
2006Company इस 2006 Tally के अलग – अलग version को market में उतारा था जिनमे से एक Tally 8.1 था और दूसरा Tally 9. ये Tally के विभिन्न लैंग्वेज / भाषाओ में इस version को मार्किट में लाया था.
2009कंपनी ने Tally ERP 9 enterprise resource planningsoftware लांच किया जोकि user friendly environment तैयार किया गया जिससे आसानी से एकाउंटिंग कार्य किया जा सकता है इसमे हमें GST में कार्य किया जा सकता है.
2016GST Server और Tax Payersके बिच में interface के रूप में GST सुविधा प्रदान करने के लिए Tally Solutions को चुना गया और 2017 में कंपनी ने बिलकुल अपडेटेड GST Compliance Software लांच किया
2020इस वर्ष टैली सलूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वरा TallyPrime लांच किया गया है जो बहुत advance एकाउंटिंग software है.

Tally Full form – Transactions Allowed in a Linear Line Yard

T – Transactions
A – Allowed
L – Linear
L – Line
Y – Yard

  • Total Accounting Leading List Year
  • Transactions Allowed in a Linear Line Yard

टैली का कोई फुल फॉर्म नहीं होता क्योंकि टैली का अर्थ है मिलान करना।

What are the different versions of Tally?

टैली के विभिन्न संस्करण या वर्शन इस प्रकार है –

1. Tally 3.0 (1990) –

टैली 3.0 टैली का पहला संस्करण है जिसका उपयोग छोटे व्यवसायों की बुनियादी लेखांकन आवश्यकताओं के लिए किया गया है। लेकिन, सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए बाहरी और विशेष कमांड की आवश्यकता होती है। और, यह केवल Microsoft DOS को सपोर्ट करता है।

ये भी पढ़े – Ms Excel in Hindi – Formulas, Table, Cell, Formatting, Notes PDF Download

2. Tally 3.12 (1991)

3. Tally 4 (1992) –

4. Tally 4.5 (1994)

5. Tally 5.4 (1996)

6. Tally 6.3 (2001)

7. Tally 7.2 (2005)

8. Tally 8.1 (2006)

9. Tally 9 (2006)

10. Tally ERP 9 (2009)

टैली ईआरपी 9 2009 के बाद से टैली का नवीनतम संस्करण है। इसमें कई व्यापारिक संगठन हैं। इसमें जीएसटी गणना, चालान और पेरोल प्रक्रिया, रिमोट एक्सेस, बहु-उपयोगकर्ता लॉगिन और लेनदेन प्रक्रियाओं सहित उन्नत विशेषताएं हैं। आजकल, व्यवसायी टैली की तरह एक पूर्ण व्यापार समाधान सॉफ्टवेयर चाहते हैं।

11. Tally Prime (2020) – टैली प्राइम क्या है

यह टैली का नवीनतम version जिसमे tally erp 9 से advance बनाया गया है जिसमे हमें QR Code, E-invoice, E-Way Bill, Multi Printing, Bank Cancellation update, Oman VAT, e-payment के साथ ही साथ यूजर फ्रेंडली interface तैयार किया गया है अधिक जानकारी के लिए नीचे लिंक पर जाए

इन्हे भी पढ़े : – Tally Prime Notes in Hindi, GST, Voucher Entry, PDF Download

टैली सीखने के लाभ

आसानी से टैली कार्य आपको मिल जायेगा, आय बढोतरी, पार्ट टाइम वर्क

टैली का उपयोग कैसे करें?

Tally Notes in Hindi : टैली डिजिटल प्रारूप में लेखांकन के अलावा कुछ भी नहीं है। मैन्युअल पुस्तकों में खाते बनाए रखना, हम डेबिट और क्रेडिट के रूप में लेखांकन प्रविष्टियाँ लिखते हैं।
टैली में, हम उसी तरह प्रविष्टियाँ बनाते हैं।

Transactions

Ledger Creation

Stock Management

Voucher Entry

Reprot

टैली हम कैसे सीख सकते है : Tally Notes PDF in Hindi

दोस्तों अगर आपको टैली सीखना है तो पहले Basic Accounting या कॉमर्स के बारे में जानना होगा क्योकि एकाउंटिंग में अलग अलग प्रकार के Words का प्रयोग किया जाता है जैसे Goods, Purchase, Sales, Debit, Credit, Expenses, Assets, Profit, Loss, Drawing, Ledger इत्यादि इसलिए नीचे दिए हुए प्रोसेस के अनुसार Skill को बढ़ाये जिससे आपको टैली का ज्ञान आसानी से हो सके.

इसी कारण दोस्तों हम टैली हिंदी नोट्स जो टैली erp 9 एकाउंटिंग सॉफ्टवेर और टैली प्राइम नोट्स को आपके लिए हिंदी में तैयार कर रहे है जिसे आप टैली सिख सके और टैली एकाउंटिंग job प्राप्त कर सके.

Downloading and Installation of Tally ERP 9 Notes

टैली ERP 9 डाउनलोड एवं कंप्यूटर में इनस्टॉल करने की विधि

Downloading and Installation of Tally ERP टैली ERP 9 डाउनलोड करना :- टैली ERP 9 डाउनलोड को डाउनलोड करने के लिए टैली ERP 9 की ऑफिसियल वेबसाइट www.tallysolution.com पर जा कर डाउनलोड किया जा सकता है

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ऊपर दिए लिंक में क्लिक करने पर हमरे सामनेे इस प्रकार से विंडो ओपन होगा जिमसे हमें इन्टॉल नाउ और डाउनलोड ऑप्शन मिलेगा जिसमे हमें डाउनलोड ऑप्शन पर क्लिक करके के टैली ERP 9 सॉफ्टवेयर को डाउनलोड किया जा सकता है

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इस प्रकार से टैली ERP 9 सॉफ्टवेयर सेव करे

टैली ERP 9 को कंप्यूटर में इनस्टॉल करने की विधि:- Tally Notes PDF in Hindi

टैली नोट्स हिंदी कोर्स – टैली ERP 9 सॉफ्टवेयर जो की आपके कप्पूटर के डाउनलोड फोल्डर में setup नाम से सेव होगा उसे डबल क्लिक करके ओपन करे ओपन करते ही हमें इस प्रकार डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा.

इस डायलॉग बॉक्स में Install पर क्लिक करे, क्लिक करते हे इंस्टालेशन की प्रक्रिया प्रारम्भ हो हो जायेगा

इंस्टालेशन की प्रक्रिया पुरे होते ही निचे आये डायलॉग बॉक्स में Done ऑप्शन को क्लिक करते ही आपके कंप्यूटर में टैली इनस्टॉल हो जायेगा।

ये भी पढ़े : – Tally Basic Notes Hindi – Purchase, Sales, Assets, Discount, Drwaing सम्पूर्ण जानकरी.

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लीजिये अब आपके कंप्यूटर में Tally ERP 9 इनस्टॉल हो चूका है

Basic Accounting Terms – Tally ERP 9 Notes

Tally Notes in Hindi / Basic Accounting Terms – Tally ERP 9 Notes

Tally Notes in Hindi – Introduction of Accounting वर्तमान में व्यवसाय का क्षेत्र काफी विस्तृत हो चुका है। वैश्विक (Global) अर्थव्यवस्था एवं व्यवसाय के बदलते परिवेश में वित्तीय लेन-देनों की जटिलताओं में भी वृद्धि हुई है, फलस्वरूप वित्तीय व्यवहारों के नियमन के लिये लेखा – जोखा रखना एक व्यावसायिक संगठन के लिये आवश्यक हो गया हैं।

प्रत्येक लेन-देनों को याद रखना बड़ा मुश्किल एवं असम्भव है, इसी कारण बहीखाता का प्रादुर्भाव हुआ है, लूकास पेसियोली को पुस्तपालन (Bookkeeping) का जन्मदाता कहा जाता हैं.

भारत में लेखाकंन प्रमापों के निर्धारण तथा लेखाकारों के प्रशिक्षण का कार्य Institute of Chartered Accountants of India and Institute of Costs and Works Accountants of India द्वारा किया जाने लगा है।

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Meaning and Definition of Book – Keeping– Tally Notes in Hindi

बहीखाता का अर्थ एवं परिभाषा

बहीखाता को पुस्तपालन भी कहते है, इसका आशय है लेन-देनों को पुस्तकों में लिखना। व्यवसाय में कई प्रकार के मौद्रिक लेन-देन होते हैं जिनका व्यवस्थित रूप से पुस्तकों में लेखा करना आवश्यक होता है।

व्यवसाय के समस्त वित्तीय लेन-देनों का नियमित, विधिवत, शुद्ध एवं स्पष्ट रूप से लेखा करने की कला को ही बहीखाता अथवा पुस्तपालन कहते है। जिस दिन लेन-देन होता है उसी दिन बहीखाता का कार्य किया जाता है। परिभाषयें:- कार्टर के अनुसार – ’’बहीखाता उन समस्त व्यापारिक लेन-देनों का उचित ढंग से लेखा करने की कला है एवं विज्ञान है, जिसके फलस्वरूप मुद्रा के मूल्य का हस्तांतरण होता है। जेे. आर. बाटलीबाॅय के अनुसार – ’’बहीखाता व्यापारिक व्यवहारों को उचित शीर्षकों के अतंर्गत लेखा करने की कला हैं।

Meaning and Definition of Accountingलेखांकन अर्थ एवं परिभाषा

बहीखाता का कार्य केवल वित्तीय सौदों को हिसाब की पुस्तकों में नियमानुसार लिखना हैं, जबकि लेखांकन उनका वर्गीकरण व सारांशीकरण कर वित्तीय परिणाम को प्रस्तुत करता है। व्ययसाय को आर्थिक परिणाम जानने के लिये बहीखाता में लिखे गये लेन-देनों का संग्रह, वर्गीकरण, सारांशीकारण कर उनका विश्लेषण करना आवश्यक है, तभी कोई व्ययसायी अपने व्यवसाय के परिणाम का निष्कर्ष निकाल सकता है। इस कार्य को लेखाकंन के द्धारा पूर्ण किया जाता है.

Objective of Accountingलेखांकन के उद्देश्य– Tally Notes in Hindi

लेखांकन, जैसा कि हम जानते है कि समस्त व्यावसायिक व्यवहारों का पुस्तकों में विधिवत लेखा है। व्यवसाय एवं उपक्रम से संबंधित समस्त वित्तीय व्यवहारों की जानकारी लेखांकन के माध्यम से प्राप्त हो जाती है। इसके प्रमुख उदद्ेश्य निम्नलिखित है –

  1. पूँजी का ज्ञान:-

2. क्रय – विक्रय का ज्ञान:-

3. देनदारों एवं लेनदारों का ज्ञान:-

4. व्ययसाय की वित्तीय स्थिति की जानकारी

5. लाभ – हानि का ज्ञान

Definition of AccountingTally Notes PDF in Hindi

Accounting : – वह प्रोसेस है जिसके द्वारा वित्तीय लेनदेन का पहचान कर (Identification) एंट्री करना, सरांशीकरण कर रिपोर्ट तैयार करना होता है जिसके द्वारा व्यापार के वित्तीय स्थिती को जाना जा सकता हैं, लेखाकंन कहलाता हैं।

Business : –

लाभ कमाने के उदेश्य से किया गया वैधानिक कार्य व्यवसाय कहलाता हैं व्यवसाय एक व्यापक शब्द है जिसकें अंर्तगत व्यापार, उत्पादन कार्य, वस्तुओं या सेवाओं का क्रय – विक्रय, बैंक, बीमा, परिवहन कम्पनियाॅ इसके अंर्तगत आते हैं।

Types of Business

1.Manufacturing (उत्पादन)
2.Trading (विक्रय)
3.Servicing (सेवा)

Trade (व्यापार):-

लाभ कमाने के उदेश्य से किया गया वस्तुओं का क्रय – विक्रय व्यापार कहलाता हैं।

Profession (पेशा या वृत्ति):-

आय अर्जित करने के लिए किया गया कोई कार्य या साधन जिसके लिए पूर्व प्रशिक्षण आवश्यकता होती है, पेशा कहलाता हैं जैसे – डाॅक्टर, शिक्षक, वकील इत्यादि के कार्य पेशा के अंतर्गत आते हैं।

Proprietor (स्वामी या मालिक):- Tally Notes in Hindi

व्यवसाय को प्रारम्भ करने वाला व्यक्ति जो आवश्यक पूॅजी की व्यवस्था करता है तथा लाभ प्राप्त करने के अधिकारी व हानि का जोखिम वहन करता हैं, व्यवसाय का स्वामी कहलाता हैं।

Capital (पूॅजी)-

व्यवसाय के स्वामी द्धारा व्यवसाय को प्रारम्भ करने के लिये धन, रोकड़ या अन्य सम्पत्ति के रूप में लगाया जाता हैं उसे पूॅजी कहते हैं। व्यवसाय में पॅूजी लाभार्जन के उद्देश्य से लगाई जाती हैं लाभ का वह भाग जो व्यवसाय से निकाला नही गया हैं,

पूॅजी:- सम्पत्तियां – दायित्व.

Drawing (आहरण)

व्यवसाय के स्वामी द्धारा व्यवसाय के निजी उपयोग के लिये जो माल या रोकड़ निकाल लिये जाते हैं, उसे आहरण या निजी व्यय कहते है। आहरण से पॅूजी की मात्रा कम हो जाती हैं।

Transaction (सौदा या लेन – देन):Tally Notes PDF in Hindi

दो पक्षो के मध्य होने वाले मुद्रा, माल या सेवा के पारस्परिक विनिमय ;म्गबींदहमद्ध को सौंदे लेन – देन कहते हैं। माल का क्रय – विक्रय, भुगतान का का लेना – देना आदि आर्थिक क्रियाएॅ व्यावसायिक सोैेदे या लेन – देन कहते हैं।

Types of Transaction

1. Cash Transaction (नगद लेन-देन)
2. Credit Transaction (उधार या साख लेन-देन)
3. Bill Transaction (बिल लेन-देन)

Goods (माल)- Tally Notes in Hindi

माल उस वस्तु को कहते हैं, जिसका क्रय – विक्रय या व्यापार किया जाता है। माल के अंतर्गत वस्तुओं के निर्माण हेतू प्राप्त कच्ची सामग्री, अर्द्धनिर्मित सामग्री या तैयार वस्तुएं हो सकती हैं.

Purchase (क्रय)-

Tally Notes in Hindi : जब व्यापारी द्धारा विक्रय हेतू माल की खरीदी की जाती है, उसे क्रय कहा जाता है।। यह खरीदी कच्ची सामग्री या तैयार माल के रूप् में हो सकती हैं। सम्पत्तियों का क्रय, क्रय में शामिल नहीं हैं, क्योंकि ये पुनः विक्रय के लिये नही होती हैं।

Purchase Return (क्रय वापसी)-

क्रय किये गये माल में से किसी कारणवश जो माल वापस कर दिया जाता हैं, उसे क्रय वापसी अथवा बाह्य वापसी (Return Outward) कहते है।

Sales (विक्रय)-

लाभ प्राप्ति के उद्देश्य से जब क्रय किया हुआ माल बेजा जाता हैं उसे विक्रय कहते हैं। नगद माल बेचने को नगद विक्रय (Cash Sales) तथा उधार माल बेचने को उधार विक्रय (Credit Sales) कहते हैं।

Sales Return (विक्रय वापसी)-

विक्रय किये गये माल में से किसी कारणवश ग्राहक द्धारा वापस कर दिया जाता हैं, उसे विक्रय वापसी अथवा आन्तरिक वापसी कहते है। टेैली में Sales Return होने पर उसे जर्नल वाउचर या डेबिट नोट में एंट्री किया जाता है।

Stock (स्टाॅक या स्कंध)-

एक निश्चित समयावधि के उपरान्त जो माल बिकने से रह जाता हैं, उसे स्टाॅक कहते है किसी व्यापारिक वर्ष के अंतिम दिन जो बिना बिका माल रह जाता है उसे अंतिम स्टाॅक (Closing Stock) कहते है। नवीन व्यापारिक वर्ष के प्रारंभ में यही स्टाॅक, प्रारंभिक स्टाॅक (Opening Stock) कहलाता है।

Tally GST notes in hindi pdf GST Goods and Service Tax (गुड्स एवं सर्विस टैक्स)(नए ब्राउज़र टैब में खुलता है)

Assets (सम्पत्तियां)Tally Notes PDF in Hindi

व्यवसाय की ऐसी सभी स्थायी उवं अस्थायी वस्तुएं जो व्यवसाय को चलाने के लिये आवश्यक होती हैं तथा का जिन पर व्यवसायी स्वामीत्व होता हैं, सम्पत्तियां कहलाली हैं। जैसे – यंत्र, भूमि वभन तथा व्यवसाय की निजी उपयोग मे होने वाले सभी यंत्र, फर्नीचर, प्रिंटर, कप्म्यूटर इत्यादि।

Types of Assets

1. Fixed Assets स्थायी सम्पत्ति () –

यंत्र, भूमि वभन तथा व्यवसाय की निजी उपयोग मे होने वाले सभी यंत्र, फर्नीचर, प्रिंटर, कप्म्यूटर इत्यादि

2. Current Assets चल सम्पत्ति () –

नगद रोकड. बैंक नगद इत्यादि

Liabilities (दायित्व या देयताए)

Tally Notes in Hindi : व्यवसाय के देयधन को दायित्व कहते हैं व्यवसाय में कुछ आवश्यक राशियाॅ ऐसी होती हैं, जिनको चुकाने का दायित्व व्यवसाय पर होता है जैसे – पूॅजी, देयविपत्र, लेनदार, बैंक अधिविकर्ष आदि।

Revenue (राजस्व):-

राजस्व से आशय ऐसी राशि से है जो माल अथवा सेवाओं के विक्रय से नियमित रूप से प्राप्त होती है। व्यवसाय के दिन – प्रतिदिन के क्रिया-कलापों से प्राप्त होने वाली राशियाॅ जैसे – किराया, व्याज, कमीशन, बट्टा, लाभांश आदि भी राजस्व कहलाते है।

Expenses (व्यय):- Tally Basic Notes Hindi

Tally Notes in Hindi: व्यवसाय में माल, वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन या प्राप्ति करने के लिये जो लागत आती है। व्यय कहते हैं। माल तथा सेवाओं की प्राप्ति के लिये भुगतान व्यय के अंतर्गत आते हैं। मजदूरी, भाड़ा, रेल गाड़ी तथा माल के वितरण एवं विक्रय पर भुगतान गया वेतन, किराया, विज्ञापन, व्यय, बीमा आदि भी में व्यय में शामिल हैं।संक्ष्पित में राजस्व में वृद्धि करने की लागत को व्यय कहते हैं।

Types of Expenses

1. Direct Expenses –

माल तथा सेवाओं की प्राप्ति के लिये भुगतान – मजदूरी, भाड़ा, रेल गाड़ी तथा माल के वितरण एवं विक्रय पर भुगतान

2. Indirect Expenses –

राजस्व में वृद्धि, वेतन, किराया, विज्ञापन, व्यय, बीमा आदि Expenditure (खर्च):- खर्च वह राशि होती है जो व्ययसाय की लाभ-अर्जन क्षमता की वृद्धि हेतू भुगतान की जाती है। व्यवसाय में सम्पत्तियों के अधिग्रहण या प्राप्ति हेतू जो भुगतान किया जाता है वह खर्च कहलाता हैं।

Gain (लाभ):-

यह एक प्रकार की मौद्रिक प्राप्ति है, जो व्यवसाय के फलस्वरूप् प्राप्त होती है जैसे यदि 1,00,000 रूपये मूल्य की माल को 1,50,000 रूपये में बेचा जाएगा तो 50,000 रूपये की प्राप्ति लाभ कहलेगा।Basic Accounting Terms

Cost (लागत):-

व्यवसाय एवं उसके कार्यो में प्रयोग होने वाले कच्चे माल, सेवा व ऋण, उत्पादन या उसे उपयोगी बनाने हेतू किये जाने वाले समस्त प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष व्ययों के योग को ही वस्तु की लागत कहते है। वस्तु के अंतर्गत कच्चा माल या सम्पत्तिया शामिल रहती है।

Discount (कटौती, बट्टा या छूट):‘- Tally Basic Notes Hindi

व्यापारी द्धारा अपने ग्राहकों को दी जाने वाली रियायत को कटोैती, छूट या बट्टा कहते है। इसे उपहार भी कहा जाता है। बट्टा दो प्रकार के होते हैं –

1. व्यापारिक बट्टा (Trade Distcount) :-

विक्रेता अपने ग्राहकों को माल खरीदते समय उसके अंकित मूल्य अर्थात् सूची मूल्य में जो रियायत (छूट देता है) करता है, उसे व्यापारिक बट्टा कहते है यह माल की बिक्री बढ़ाने के उद्देश्य से दिया जाता हैं। इसका लेखा पुस्तको में नही किया जाता है

2. नगद बट्टा (Cash Discount) :-

निश्चित अथवा निर्धारित अवधि में नगद राशि या चैक द्धारा मूल्य का भुगतान करने पर जो छूट दी जाती है, उसे नगद बट्टा कहते है इसका लेखा पुस्तको में किया जाता है

Debitor (देनदार या ऋणी):-

जो व्यक्ति, फर्म या संस्था से माल अथवा सेवाएं उधार लेते है, उसे व्यापार का ऋणी या देनदार कहते है। देनदारो को ‘विविध देनदार’ या Sundry Debtor कहते है।

Creditor (लेनदार या ऋण दाता):- Tally Basic Notes Hindi

Tally Notes in Hindi: जिस व्यक्ति, फर्म या संस्था से माल अथवा सेवाएं उधार ली जाती है उसे त्रणदाता या लेनदार कहते है माल उधार खरीदने पर ही लेदनदारों का उदय होता है लेनदारो को ‘विविध लेनदार’ (Sundry Creditors) कहते है। जैसे – लखन ष्याम से 2 प्रिंटर 20000 रूपये मे खरीदा ।

Receivable (प्राप्य):-

व्यवसाय से सम्बधित ऐसी राषि जिसको प्राप्त किया जाना है उसे प्राप्य कहते है। व्यापार में माल की उधार बिक्री होने पर क्रेता को देनदार कहा जाता है, जिनसे राषि प्राप्त की जाना होती हैं .

देयतायें (Payable) –

व्यवसाय में कुछ ऐसी राषियां होती है जिन्हेेंेेें भविश्य में व्यापारी को चुकाना होता है उन्हे देयताएं (Payable) कहते है। जिनसे व्यापार द्धारा उधार माल क्रय किया जाता है वे व्यापार के लेनदार (Creditors) कहते है।

Entry (प्रविश्टि):-

लेन देन को हिसाब की पुस्तको में लिखना प्रविश्टि कहते है

कुल बिक्री (Turn Over) –

एक निश्चित में होने वाले नगद तथा उधार विक्रय का योग कुल विक्रय या Turn Over कहते है। विक्रय नगद + विक्रय उधार = Turn Over.

Insolvent / दिवालिया:-

Tally Notes in Hindi: जो व्यक्ति अपना ऋण चुकाने मे असमर्थ हो जाता है उसे दिवालिया कहते है। ऐसे व्यक्ति का दायित्व उसकी सम्पत्ति के मूल्य से अधिक होता है। ऐसी स्थिति में वह अपना ऋण पूरी मात्रा में नही चुका सकता है। आंशिक रूप में ऋण चुकता करने के लिये उसे न्यायालय की शरण लेनी पड़ती है। न्यायालय उसे दिवालिया घोषित कर आंशिक रूप् से ऋण चुकाने की अनुमति दे देता है जिससे वह अपने ऋण से मुक्त हो जात है.

Bad Debts / ऋण:-

ऋणी की असमर्थता अथवा दिवालिया हो जाने के कारण जो रकम वसूल नहीं हो पाती, लेनदार के लिये डूबत-ऋण या अ्रप्राप्य ऋण कहलाती है।

Accounting Vouchers in Tally ERP 9 / Prime Notes in Hindi.(नए ब्राउज़र टैब में खुलता है)

नामे और जमा (Debit and Credit) :-

प्रत्येक खाते के दो पक्ष होते है। बायें पक्ष को नामे क्मइपज या विकलन तथा दाहिने पक्ष को जमा ब्तमकपज या समाकलन कहते है। किसी खाते केे बाएं पक्ष में लेखा करना नामे लेखा कहलाता है है जिसे परम्परागत रूप से संक्षेप में Dr. लिखते है इस प्रकार खाते के दाहिने पक्ष में लेखा करना जमा लेखा कहलाता है जिसे परम्परागत रूप से Cr. लिखते है। यह उल्लेखनीय है कि भारतीय बहीखाता प्रणाली में नामे पक्ष दाहिनी ओर तथा जमा बायीं ओर हेाता है ।

Commission / कमीशन या वर्तन:-

व्यापारिक कार्याे में सहयोग करने अथवा प्रतिनिधित्व करने के प्रतिफल में प्रतिनिधि या अभिकर्ता को जो पारिश्रमिक दिया जाता है उसे कमशीन कहते है.

फर्म (Firm) :-

सामान्य अर्थ में फर्म से आशय उस संस्था से है जो कि साझेदारी स्थापित कर व्यापारिक या व्यावसायिक कार्य करती है, किंतु व्यापक अर्थ में प्रत्येक व्यापारिक इकाई को फर्म के नाम से संबोधित किया जा कसता है ।

Account / Leger / खाता :- Tally Notes PDF in Hindi

लेजर या खाता एक तालिका है जिसमे सोैदा उनके स्वभाव के अनुसार वर्गीकृत करके एक र्शीषक के अंतर्गत एक स्थान पर क्रम से लिखा जाता है, सरल शब्दो में किसी व्यक्ति, सम्पत्ति तथा आय-व्यय आदि से संबधित लेखो को छांटकर जो सूची बनाई जाती है उसे Account / Leger / खाता कहते है।

Account शब्द का अंग्रेजी में संक्षिप्त रूप में A/c होता है। लेखो में प्रायः इस संक्षिप्त रूप का ही प्रयोग होता है और प्रत्येक खाता दो पक्षों में विभाजित रहता है। बाये पक्ष को नामे Debit और दाहिने पक्ष को Credit कहते है

ये भी पढ़े – टैली क्या है टैली के fullform और टैली के version.

How to Create Company in Tally ERP 9 Notes

Tally Notes in Hindi : टैली में कार्य करने के लिए इसमें उपयोगकर्ता को मुख्यतः 4 कार्य करने होतेहैं –

  1. Company Creation (कम्पनीबनाना)
  2. Ledger Creation (लेजरबनाना)
  3. Inventory Management (स्टॉक प्रबंधन)
  4. Voucher Entry (वाउचरएंट्रीकरना)

जब हम पहली बार किसी व्यवसाय, शॉप, संस्था या फर्म को टैली में मैनेज करना चाहते हैं , तो सबसे पहले उस फर्म के नाम से कम्पनी तैयार करनी होगी । यह कम्पनी टैली में कार्य की शुरूआत करने से पहले बनाई जाती हैं ।

Company Creation Tally ERP 9 Notes (कम्पनी बनाना)

टैली में कम्पनी बनानेके लिए निम्नलिखित स्टेप का पालन करे –

1. कम्पनीइन्फों मैन्यू में जाये
2. Create Company का ऑप्शन को सेलेक्ट करे

3. शॉर्टकट key Alt + F1 या शॉर्टकट key Alt + F3 मे जाकरCreate Company विकल्पचुनें ।

इस विकल्प को चुनते ही हमारे सामने company creation का window खुलेगा जिसमे मांगे गए जानकारी को भरे और Ctrl+A button प्रेस कर सेव करे.

Details to be filled in company creation window

Fill Basic Data

  • Directory –यह फील्ड पहले से ही भरा हुआ होता हैं इस फील्ड में टैली का वह पाथ होता हैं , जहाँ टैली सॉफ्टवेयर लोड होता हैं । कर्सर इस फील्ड को छोड़ देता हैं और बनाई जाने वाली कम्पनी स्वतः ही इस डायरेक्ट्री में स्टोर हो जाती हैं।
  • Name –इस फील्ड में वह नाम एंटर करें , जिस नाम से कम्पनी बनाना चाहते हैं जैसे Trisha Pvt Ltd।
  • Mailing Name –इस फील्ड में कम्पनी का मेलिंग नेम एंटर करें । सामान्यतः कम्पनी का नाम ही मैलिंग नेम होता है |
  • Address – इसफील्ड में कम्पनीका पूरा पताएंटर किया जाताहैं ।
  • State –इस फील्ड में उस राज्य को एंटर किया जाता हैं जिस राज्य में आपका कारोबार स्थापित हैं ।
  • Pin Code –इस फील्ड में उस स्थान का पिन कोड एंटर करें , जहाँ कम्पनी स्थापित हैं ।
  • Telephone Number –इस फील्ड में कम्पनी का टेलीफोन नम्बर एंटर करें ।
  • E-mail Address –इस फील्ड में कम्पनी का ई – मेल एड्रेस एंटर करें ।
  • Website – इस फील्ड में कम्पनी का वेबसाइट एंटर करें

Books and financial year details

  • Financial Year From –इस फील्ड में वित्तीय वर्ष शुरू होने की तिथी एंटर करें जैसे – 01 – Apr – 2019
  • Books Beginning From –इस फील्ड में बुक्स ऑफ एकाउंट्स शुरू करने की तिथी एंटर करें जैसे – 01 – Apr – 2019 ।
  • Security Control –यदि आप कम्पनी पर सुरक्षा व्यवस्था सक्रिय करना चाहते हैं , तो इस ऑप्शन को यस करें और इसे यस करने के बाद इसमें यूजर नेम और पासवर्ड एंटर करें ।

Base Currency Information

ये सभी फील्ड ऑटोफिल होते है अपने आवश्यकता अनुसार चेंज कर सकते है

Base currency symbol

  • Formal name
  • Suffix symbol to amount?
  • Add space between amount and symbol?
  • Show amount in millions?
  • Number of decimal places
  • Word representing amount after decimal
  • Number of decimal places for amount in words

अब अंतिम में सभी जानकारी भरने के बाद ,एंटर बटन दबाकर या Ctrl + A बटन दबाकर जानकारी को सेव कर ले।

Select company in tally कम्पनी सलेक्ट करना Tally ERP 9 Notes

Gateway of Tally – F1 ( Select Company )

या

Gateway of Tally – Alt + F1 ( Select Company )

या

Gateway of Tally Alt + F3 ( Select Company )

Alter company in tally कम्पनी में सशोधन करना – Tally ERP 9 Notes

Tally Notes in Hindi : यदि आप पहले से बनाई हुई कम्पनी में किसी प्रकार का परिवर्तन करना चाहते हैं , तो गेटवे ऑफ टैली से F1 कुंजी दबाकर वह कम्पनी सलेक्ट करें , जिसमें आप परिवर्तन करना चाहते हों । कम्पनी सलेक्ट करने के बाद Alt + F3 कुंजी दबाए , जिससे कम्पनी इन्फों मैन्यू प्रदर्शित होगा । यहाँ से ऑल्टर ऑप्शन सलेक्ट करें । इससे कम्पनी ऑल्टरेशन स्क्रीन प्रदर्शित होगी । आप इसमें परिवर्तन करने के बाद इसे सेव कर दें ।

  1. Gateway of Tally
  2. Press F1 ( Select the Company )
  3. Alt + F3
  4. Alter ⇨ Select company

Delete company in tally कम्पनी हटाना – Tally ERP 9 Notes

Tally Notes in Hindi : किसी भी company को delete करने के लिए पहले उस company को select करें । फिर Alt + F3 कुंजी दबाकर कम्पनी इन्फों मैन्यू से Alter ऑप्शन सलेक्ट करें । जिस कम्पनी को डिलीट करना चाहते हैं उसे सलेक्ट करें और सलेक्ट करने के बाद उसे Alt + D कुंजी का प्रयोग करें । जिससे सलेक्ट की हुई कम्पनी डिलीट हो जायेगी ।

  1. Gateway of Tally
  2. Press F1 ( Select the Company ) Alt + F3
  3. Alter
  4. Select company
  5. Alt + D

What is Ledger and how to create in tally Tally ERP 9 Notes?

What is Ledger and how to create in tally?

Creating a Ledger in Tally – Tally ERP 9 Notes

Account / Ledger / खाता :- लेजर या खाता एक तालिका है जिसमे सोैदा उनके स्वभाव के अनुसार वर्गीकृत करके एक र्शीषक के अंतर्गत एक स्थान पर क्रम से लिखा जाता है सरल शब्दो में किसी व्यक्ति, सम्पत्ति तथा आय-व्यय आदि से संबधित लेखो को छांटकर जो सूची बनाई जाती है उसे खाता या लेजर है।

Account शब्द का अंग्रेजी में संक्षिप्त रूप में A/c होता है। लेखो में प्रायः इस संक्षिप्त रूप का ही प्रयोग होता है और प्रत्येक खाता दो पक्षों में विभाजित रहता है। बाये पक्ष को नामे Debit और दाहिने पक्ष को Credit कहते हैटैली में लेजर या खाता बनाना (): – टैली में लेजर बनाने के लिए निम्नलिखित स्टेप का पालन करते है –

  1. Gateway of Tally
  2. Accounts Info
  3. Ledgers
  4. Create

इन स्टेप का पालन करने पर इसका डायलाॅÛ बाक्स दिखाई देता है

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टैली में हम दो प्रकार से खाता निर्माण कर सकते है1. Single Ledger2. Multipal Ledger
1. Single Ledger – इस ऑप्शन के माध्यम से एक बार में केवल एक ही खाता निर्माण कर सकते है

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2 . Multipal Ledger – इस ऑप्शन के माध्यम से एक बार में एक से अधिक खातों निर्माण कर सकते है

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Groups in Tally ERP 9 Notes in Hindi : Tally Notes PDF in Hindi

Tally Ledger Group Hindi क्या है? – हिंदी में खातो / ledger का समूह है जिसके द्वारा टैली हमारे बनाये हुए खाता / account को identify करता है जिससे वे लेनदेन को समझ कर हमें परिणाम देता है.

यह एक महत्वपूर्ण fact है जिसके माध्यम से टैली लेनदेनो को समझता है, जैसे – SMS charge account यह एक प्रकार का expense है जिसे हमें टैली को बताना पड़ता है की यह indirect expense है इसलिए टैली में group तैयार किया गया है जिससे टैली हमारे लेनदेन को पहचान सके और हमें सही परिणाम देगा.

अगर हम SMS charge account को indirect expense के बदले indirect income group में डालेंगे तो टैली इसे income के रूप में लेगा. इसलिए टैली में group को सही डालना बहुत आवश्यक है.

Tally में पूर्व में बने हुए group –

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LedgerUnder Group
Opening stockStock in hand
Purchase, Purchase returnPurchase account
Fright charges Carriage inwards or Purchases Cartage and coolie Octroi Manufacturing wages Coal, gas, water Oil and fuel Factory rent, insurance, electricity, lighting and heatingDirect expenses
SalesSales account
Salary
Postage and telegrams a/c
Telephone charges A/c
Rent paid a/c
Rates and taxes
Insurance a/c
Audit fees
Interest on bank loan
Interest on loans paid
Bank charges
Legal charges
Printing and stationery
General expenses
Sundry expenses
Discount allowed
Carriage outwards or sales
Traveling expenses
Advertisem*nt
Bad debts
Repair renewals
Motor expenses
Indirect expenses
Depreciation on assetsIndirect expenses
Interest on investment received Interest on deposit received Interest on loans received Commission received Discount received Rent received Dividend received Bad debts recovered Profit by sale of assetsIndirect Income
Sundry incomeIndirect income
Loan from othersLoan Liabilities
Bank loanLoan Liabilities
Bank overdraftBank OD
Bills payableCurrent Liabilities
Sundry creditorsSundry creditors
Mortgage loansSecured loans
Expense outstanding a/c Income received in advance a/cCurrent Liabilities
Other liabilitiesCurrent Liabilities
CapitalCapital account
DrawingsCapital account
Cash in handCash in hand
Cash at bankBank account
Fixed deposit at bankDeposit
InvestmentsInvestments
Bills receivableCurrent asset
Sundry debtorsSundry debtors
Closing stockStock in hand
Stock of stationeryCurrent asset
Loose tools a/c Fixtures and fittings a/c Furniture a/c Motor vehicles a/c Plant and machinery a/c Land and building a/c Leasehold property a/cFixed asset
Patents a/cFixed asset
Goodwill a/cFixed asset
Prepaid expenses a/cCurrent asset
Income outstanding a/cCurrent assset

Mode of Accounting – Tally ERP 9 Notes

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Single Entry Systems

Single Entry Systems लेन-देनों को entry करने का एक सिम्पल तरीका है जिसमें केवल आय और व्यय से सम्बधित खातों का ही entry किया जाता है। singhle entry system छोटे साईज के व्यवसाय के लिए उपयोगी होता है।singhle entry system को मैनेज करना आसान होता हैं।

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दोहरा लेखा प्रणाली का आशय एंव परिभाषा
Meaning and Definition of Double Entry System


दोहरा लेखा प्रणली व्यावसायिक व्यवहारों को लेखा पुस्तकों में लिखने की वह प्रणाली हेै जिसमें इस मान्यता के आधार पर लेखा किया जाता है कि प्रत्येक व्यवहार के दो प्रभाव होते है, जो कि दो भिन्न-भिन्न खातों लेन-देन का किसी भिन्न पक्षों को प्रभवित करते है।

प्रत्येक वित्तीय लेन-देन का किसी एक खाते के नामें (Debit or Dr.) में और किसी दूसरे संबंधित खाते के जमा (Credit or Cr.) किया जाता है। इसी प्रकार दायित्व, पूंजी एवं आय में कमी डेबिट एवं इनमें वृद्धि को क्रेडिट किया जाता है इस प्रकार प्रत्येक डेबिट के लिये क्रेडिट होता है तथा इस आधार पर लेखा करने को ही दोहरा लेखा प्रणाली कहते है।

Basic Accounting

Golden Rules of Accounting in Hindi

Golden Rules of Accounting को हिंदी में लेखांकन के सुनहरे नियम कहा जाता है, जिसमें तीन प्रकार के अकाउंट होते हैं जैसे व्यक्तिगत खाता, वास्तविक खाता और आय-व्यय खाता, इन एकाउंट्स में डेबिट और क्रेडिट करने के विशेष नियम होते हैं जिन्हें Golden Rules of Accounting कहते हैं.

Example के लिए व्यक्तिगत खाता में Receiver (पाने वाला) अकाउंट को Debit किया जाता है उसी प्रकार Giver (देने वाला) अकाउंट को Credit किया जाता है.

वास्तविक खाता में What’s Come in (जो आता है ) उस अकाउंट को Debit किया जाता है उसी प्रकार What’s Goes in (जो जाता है ) उस अकाउंट को Credit किया जाता है.

आय-व्यय खाता में All Expenses & Losses (सभी व्यय और हानि) उस अकाउंट को Debit किया जाता है उसी प्रकार All Income & Gains (सभी आय और लाभ) उस अकाउंट को Credit किया जाता है.

Golden RulesPersonal AccountReal AccountNominal Account
DebitReceiver Whats Come InAll Expenses & Loss
CreditGiverWhats Goes OutAll Income & Gains

Golden Rules of Accounting क्या है?

Financial Transaction को रिकॉर्ड करने के लिए Accounting में Account के Nature अनुसार Rules बनाया गया है जिसमे account में होने प्रभाव के अनुसार Debit और Credit करने के नियम है, जिसमे एक साथ दो account पर effect होता है.

जैसे 5000 रूपये Bank of Baroda में जमा किया इसमे दो account बनेगा Cash Account और Bank of Baroda Account, यहाँ पर Bank of Baroda Account Receiver इसलिए Debit होगा और Cash Account Giver है इसलिए Credit होगा.

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Types of Accounts in Golden Rules of Accounting in Hindi

मुख्य रूप से Accenting में तीन प्रकार के Account या खाते होते है –

  1. Personal Account
  2. Real Account
  3. Nominal Account

Personal Account क्या है?

Personal Account जिसे हिंदी में व्यक्तिगत खाता के नाम से जाना जाता है, इस प्रकार के account में किसी व्यक्ति से सम्बंधित होता है और इस खाते का एकाधिकार होता है Personal Account कहलाता है, जैसे – Ram A/c, Ramesh A/c, Laxmi A/c.

Types of Personal Account

  1. Natural Personal Account
    • Ram A/c.
    • Kishan A/c.
    • Trisha A/c
    • Any Person Account
    • Capital A/c (Business के Owner का Account)
    • Bank Overdraft Account (बैंक अधिविकर्ष खाता)
    • Drawing Account.
  2. Artificial Personal Account
    • Any Company / Business Account.
    • Govt. Department A/c.
    • School, College, Any Educational Institute A/c.
    • Insurance Company A/c.
    • Charitable Trust A/c.
    • Bank A/c.
    • Partnership Firm A/c
    • Non – Government Organization A/c.
    • Social Organization A/c.
  3. Representative Personal Account
    • Prepaid Expenses A/c (पूर्वदत्त व्यय) Example – Prepaid Salary A/c, Prepaid Rent A/c, Prepaid Wages A/c.
    • Outstanding Expenses A/c (अदत्त व्यय) Example – Outstanding Salary A/c, Outstanding Rent A/c, Outstanding Wages A/c.
    • Accrued interest A/c (उपार्जित ब्याज खाता)
    • Unearned Rent A/c (अनुउपार्जित किराया खाता)
    • Outstanding Premium A/c (अदत्त प्रीमियम खाता)

Golden Rules Of Personal Account

Types of AccountGolden Rules
Receiver (पाने वाला)Debit (Dr.)
Giver (देने वाला)Credit (Cr.)

Example – Ramesh ने मोहन को 100 रूपये दिए.

इस example में Ramesh और मोहन के बीच लेनदेन हो रहा है, दोनों व्यक्ति है और खाते का हक़दार वह अकेले है, इस प्रकार यह व्यक्तिगत खाता के वर्ग में आएगा.

उपरोक्त उदाहरण में मोहन पाने वाला है और रमेश देने वाला है, इस प्रकार इसका voucher entry इस प्रकार होगा –

Golden Rules of Accounting in Hindi : Voucher entry in Tally / journal entry in एकाउंटिंग

DateParticularL.F.Debit Amt.Credit Amt.
01-02-2023Mohan A/c100
To Ramesh A/c100

Real Account क्या है?

Real Account जिसे हिंदी में वास्तविक खाता के नाम से जाना जाता है, यह व्यापार की सम्पत्ति से सम्बंधित होता है, Real Account कहलाता है, जैसे – Purchase A/c, Sales A/c, Fixed Assets A/c इत्यादि.

Types of Real Account

  • Tangible accounts. (मूर्त खाता)
  • Intangible accounts. (अमूर्त खाता)
Tangible accounts. (मूर्त खाता)

Tangible खाता जिसे हिंदी में हम मूर्त खाता के नाम से जानते है, ये खाते व्यापार के सम्पति से जिसे छु या देख सकते है मूर्त खाता के नाम से जाना जाता है. for example – Building A/c, Cash A/c, Goods A/c इत्यादि.

Intangible accounts. (अमूर्त खाता)

Tangible Account जिसे हिंदी में हम अमूर्त खाता के नाम से जानते है, ये खाते व्यापार के सम्पति से जिसे छु या देख नही सकते है अमूर्त खाता के नाम से जाना जाता है. for example – Goodwill, Patent, Copyright, Trademark इत्यादि.

Real account (वास्तविक खाता) के Golden Rules

Types of AccountGolden Rules
What’s Come in (जो आता है )Debit (Dr.)
What’s Goes in (जो जाता है )Credit (Cr.)

Example – श्री तृषा कंप्यूटर से लखन ट्रेडर्स 15000 रूपये का computer system ख़रीदा.

लखन ट्रेडर्स इस example में श्री तृषा कंप्यूटर से computer system ख़रीदा जा रहा है, उपरोक्त उदाहरण में computer system हमें प्राप्त हो रहा है जो की मूर्त सम्पत्ति है और नगद रूपये जा रहा है या भी मूर्त सम्पत्ति, इसलिए इसका voucher entry इस प्रकार होगा –

Voucher entry in Tally / journal entry in एकाउंटिंग

DateParticularDebit AmountCredit Amount
01-04-2023Computer System A/c1500
To Cash A/c1500

Nominal Account क्या है?

Nominal Account जिसे हिंदी में आय-व्यय खाता के नाम से जाना जाता है, इस प्रकार के account में किसी Income – Expenses Account से सम्बंधित होता है, Nominal Account कहलाता है, जैसे Rent A/c, commission received A/c, salary A/c, wages A/c, conveyance A/c, इत्यादि.

Nominal account (आय-व्यय खाता) के Golden Rules of Accounting in Hindi

Types of AccountGolden Rules
All Expenses & Losses (सभी व्यय और हानि)Debit (Dr.)
All Income & Gains (सभी आय और लाभ)Credit (Cr.)

Example – बिजली बिल के 1000 रूपये दिए.

इस example में बिजली बिल भुगतान लेनदेन हो रहा है और एक Electricity Bill account जो की Expenses जो Nominal account है इसी प्रकार cash account Real account है. इस प्रकार इसका voucher entry इस प्रकार होगा –

Voucher entry in Tally | Jouranl Entry in Accounting

DateParticularL.F.DebitCredit
04-04-2023Electricity Bill A/c1000
To Cash A/c1000

Golden Rules of Accounting With Examples in Hindi

निम्नलिखित व्यवहारों को श्री राम कम्पयूटर्स की पुस्तक में नकल प्रविष्टियां (Journal Entry) करिये –
(1) नगद धन 18,000 रू व्यापार प्रारंभ कियां।
(2) Color Printer खरीदा 10 नग, पर नग रेट – 8000 रूपये।
(3) रमेश को एक Color Printer 10000 में बेचा।
(4) एक Color Printer 10000 में बेचा।
(5) रमेश से 10000 रूपये प्राप्त हुआ।
(6) एच पी कम्पनी से ब्लैक एंड व्हाइट 10 प्रिंटर 7500 प्रति नग से खरीदा।
(7) एच पी कम्पनी को Payment किया।

Journal Entry of Shri Ram Computers or Voucher Entry of Financial Transaction

Q. No.ParticularsL.F.Debit Amt.Credit Amt.Voucher Entry
1Cash A/c Dr.18000Receipt Voucher
To. Capital A/c1800
2Purchase Ac Dr.80000Purchase Voucher
To Cash A/c80000
3Ramesh A/c Dr.10000Sales Voucher
To Sales A/c10000
4Cash A/c Dr.10000Sales Voucher
To Sales 10000
5Cash A/c Dr.10000Receipt Voucher
To Ramesh A/c10000
6Purchase A/c Dr.
(B/W Printer 10*7500)
75000Purchase Voucher
To Hp Company75000
7HP Company Dr.75000Payment Voucher
To Cash Ac/c75000

कम्पनी से ब्लैक एंड व्हाइट 10 प्रिंटर 7500 प्रति नग से खरीदा।
(7) एच पी कम्पनी को पेयमेंट किया।

Accounting Vouchers in Tally ERP 9 Notes

एकाउंटिंग वाउचर वह वाउचर है जिमसे वितीय लेनदेनो के हिसाब किताब रखा जाता है

Types of Accounting Vouchers

Contra Voucher (F4)Payment Vouchers(F5)Receipt Voucher (F6)
Journal Vouchers (F7)Sales Vouchers (F8)Credit Note Voucher (Ctrl + F8)
Purchase Vouchers (F9)Memo Voucher (Ctrl + F10)Debit Note Voucher ( Ctrl + F9)

1- Contra Voucher :-

कोन्ट्रा प्रविष्टि निम्नाकिंत प्रकार के फंड स्ािानांतरण को दर्शाता है।
Cash A/c To Bank A/c
Bank A/c To Cash A/c
Bank A/c to Bank A/c

Contra Voucher का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को पालन करते है

A- Gateway of Tally > Accounting Vouchers

B- press F4 Button

2. Payment Voucher :-

इस वाउचर का प्रयोग टेली में भुगतान सम्बधित व्यवहारो के लिए किया जाता है।

Payment Voucher का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को पालन करते है

A- Gateway of Tally > Accounting Vouchers

B- F5 Button press

3. Journal Voucher :-

यह एक एकांउटिंग वाउचर है इसका उपयोग डेबिट और क्रेडिट राशि को नगद अथवा बैंक खातो में शामिल किये बिना समायोजित करने के लिये किया जाता है।
Journal Voucher :- का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को पालन करते है

A- Gateway of Tally > Accounting Vouchers

B- F7 Button press


Receipt Voucher :-

यह एक एकांउटिंग वाउचर है। इसका उपयेाग किसी पार्टी या दूसरे प्रकार से पेयमेंट या राशि प्राप्त होने पर इस वाउचर का उपयोग किया जाता है।
Receipt Voucher का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को पालन करते है
A- Gateway of Tally > Accounting Vouchers
B- press F6 Button

Sales Voucher :-

यह एक एकांउटिंग वाउचर है इसका उपयोग विक्रय संबधी लेने – देन होने पर किया जाता है।
Sales Voucher का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को पालन करते है –
A- Gateway of Tally > Accounting Vouchers
B- F8 Button press

Purchase Voucher :-

यह एक एकांउटिंग वाउचर है इसका उपयोग क्रय संबधी लेने – देन होने पर किया जाता है।
Purchase Voucher का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को पालन करते है
A- Gateway of Tally > Accounting Vouchers
B- F9 Button press

Golden Rules of Voucher Entry

keyVoucherDr/CrCash DepositDr/crCash Withdraw
F4ContraCrTo Cash A/cCrTo Bank A/c
ContraDrBank A/cDrCash A/c
F5PAYMENTParty PaymentExpences Payment
PAYMENTDrParty Name A/cDrExpences A/c
PAYMENTCrCash / bank A/cCrCash / bank A/c
F7JURNELPurchase ReturnSales Return
JURNELDrParty Name A/cDrSales Return
JURNELCrPurchase ReturnCrParty Name A/c
F6RECIPTParty ReceiptIncome Receipt
RECIPTCrParty Name A/cCrIncome Name A/c
RECIPTDrCash / bank A/cDrCash / bank A/c
F8SALESCash SalesCredit Sales
SALESDrCash / bank A/cDrParty Name A/c
SALESCrSales A/cCrSales A/c
F9PURCHASECash PurchaseCredit Purchase
PURCHASECrCash / bank A/cCrParty Name A/c
PURCHASEDrPurchase A/cDrPurchase A/c

Journalize the following transactions

1. Commenced business with cash Rs.10, 000.

2. Deposit into bank Rs. 15,000

3. Bought office furniture Rs.3,000

4. Soled goods for cash Rs.2,500

5. Purchased goods form Mr X on credit Rs.2,000

6. Soled goods to Mr Y on credit Rs.3,000

7. Received cash form Mr. Y on account Rs.2,000

8. Paid cash to Mr X Rs. 1,000

9. Received commission Rs. 50

10. Received interest on bank deposit Rs. 100

11. Paid into bank Rs. 1,000

12. Paid for advertisem*nt Rs.500

13. Purchased goods for cash Rs. 800

14. Sold goods for cash Rs. 1,500

15. Paid salary Rs. 500

KeyVoucherLedgerGroupType of accountPrinciplesAmount
1F6ReceiptCr. CapitalCapital accountPersonalGiver10,000
Dr. CashCash in handRealComes in10,000
2F4ContraCr. CashCash in handRealGoes out15,000
Dr. BankBank accountRealComes in15,000
3F5PaymentDr. Office furnitureFixed assetRealComes in3,000
Cr. CashCash in handRealGoes out3,000
4F8SalesDr. CashCash in handRealComes in2,500
Cr. SalesSales accountRealGoes out2,500
5F9PurchaseCr. XSundry creditorPersonalGiver2,000
Dr. purchasePurchase accountRealComes in2,000
6F8SalesDr. YSundry debtorsPersonalReceiver3,000
Cr. SalesSales accountRealGoes out3,000
7F6Receipt
Dr. cashCash in handRealComes in2,000
8F5PaymentDr. XReceiver1,000
Cr. CashCash in handRealGoes out1,000
9F6ReceiptCr. commissionIndirect incomeNominalCredit all income50
Dr. cashCash in handRealComes in50
10F6ReceiptCr. Interest on bank depositIndirect incomeNominalCredit all income100
Dr. BankBank accountRealComes in100
11F4ContraCr. CashCash in handRealGoes out1,000
Dr. BankBank accountRealComes in1,000
12F5PaymentDr. Advertisem*ntIndirect expensesNominalDebit all expenses500
Cr. CashCash in handRealGoes out500
13F9PurchaseCr. CashCash in handRealGoes out800
Dr. purchasePurchase accountRealComes in800
Cr cash
14F8SalesDr. cashCash in handRealComes in1,500
Cr. SalesSales accountRealGoes out1,500
15F5PaymentDr. salaryIndirect expenseNominalDebit all expenses500
Cr. CashCash in handRealGoes out500

Stock Management or Inventory Management

किसी कंपनी की व्यापारिक वस्तुएं, कच्चा माल, तैयार माल और अधूरा माल जो बिका नही है, को स्टाॅक सूची के रूप में जाना जाता हैै। स्टाॅक सूची वर्तमान संपत्तियों मे से एक है।
टेली स्टाॅक सूची प्रबंधन की सुविधा प्रदान करता है

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Stock Group :-

स्टाॅक समूह लाक्षणिक आधार पर स्टाॅक मदो या स्टाॅक आइटम का वर्गीकरण करने में सहायक होते है

निर्माण Gateway of Tally > Inventory Info > Stock Group> Single Stock Group > Create

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Stock Categories :-

स्टाॅक के उत्तम रखरखाव हेतू टेली में स्टाॅक श्रेणी बनाए जा सकते है
उदाहरण:-

Hardware

Software

निर्माण Gateway of Tally > Inventory Info > Stock Categories> Single Stock Categories > Create

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Stock Item :-

यह कंपनी द्धारा निर्मित अथवा व्यापार में क्रय और विक्रय किये गये माल बताता है यह प्राथमिक स्टाॅक सूची की एंट्री है । उपयोगकर्ता को प्रत्येक स्टाॅक सूची के लिये मद बनाना होगा । जिसका हिसाब रखना है
निर्माण – Gateway of Tally > Inventory Info > Stock Item> Single Stock Item > Create

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Uint of Measure (माप की इकाई बनाना) – Tally ERP 9 Notes

स्टाॅक मद एक प्रकार के माप के आधार पर बेचे या खरीदे जाते है। टेली में स्टाॅक् मद हेतू माप का निर्माण करना आवश्यक है। माप की इकाई संख्या मीटर, किलोग्राम एवं संख्या या पैकेट हो सकते हैं।
इसे बनाने हेतू Gateway of Tally > Inventory Info> Units of Measure>Create पर जाये। इकाई निमार्ण स्नक्रीन निम्नानुसार दिखाई देगी।

Example – 1. Number – No, Killogram – Kg, Quntity – Qty, Piceces – Pcs

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माप की इकाई को डिलिट करने के लिए Alt+D बटन दबाकर इकाई को हटाया जा सकता है

Godown (गोदाम / स्थान बनाना)

गोदाम वो जगह है जहां स्टाॅक को स्टोर या संग्रह कर रखा जाता हैं। टेली में उपयोगकर्ता गोदाम का नाम परिभाषित कर सकता है। जैसी – Home Godown और Office Godwon.

इसे बनाने हेतू इन स्टेप्स को फॉलो करे –
Gateway of Tally >
Inventory Info >
Single Godowns >
Create
पर जाये।
गोदाम निमार्ण स्क्रीन निम्नानुसार दिखाई देगी।

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Author: Edwin Metz

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Name: Edwin Metz

Birthday: 1997-04-16

Address: 51593 Leanne Light, Kuphalmouth, DE 50012-5183

Phone: +639107620957

Job: Corporate Banking Technician

Hobby: Reading, scrapbook, role-playing games, Fishing, Fishing, Scuba diving, Beekeeping

Introduction: My name is Edwin Metz, I am a fair, energetic, helpful, brave, outstanding, nice, helpful person who loves writing and wants to share my knowledge and understanding with you.